कुछ कहूं मैं अब तुम खुद से समझ लो, मुंतासिर हूं तुम्हारा तुम खुद से जकड़ लो। और क्या बात करे अब तुम्हारी हर जगह, बस मैं तुम्हारा ही हूं तुम अपना समझ लो। ©Mahtab Khan #apart SHENAZ. falak khan