मैं घायल हुआ एक परिंदा हूं पर उड़ना अब भी नहीं भुला हूं ऊंचाइयों को छूने की मंशा ज़रूर रखता हूं पर पांव अभी भी ज़मीन पे रखता हूं कामयाबी हासिल ज़रूर करना चाहता हूं किसी दूसरे के हक की कामयाबी छीन्ना नहीं चाहता हूं मैं बोहोत से घांव लिए चल रहा हूं मरहम किसी और के लिए संभाल कर रख रहा हूं ©Riddhi Shukla #injuredsoul #injured #heal #healing