Nojoto: Largest Storytelling Platform

सड़क के बीचों बीच सड़क को बाँटती वो पीली सफेद पट्टी

सड़क के बीचों बीच 
सड़क को बाँटती वो पीली सफेद पट्टी
संभाले रखती है उस ट्रैफिक को 
जो इस तरफ आ रहा है और 
उस तरफ को जा रहा है 

एक स्त्री भी 
जब मांग भरती है तो 
दो परिवार रूपी ट्रैफिक के 
वाद-विवादों को अलग अलग 
रखती है और 
समानता बनाये रखती है कि 
दोनों तरफ का ट्रैफिक 
एक ही धरातल पर 
बिना टकराये चलता रहे 
भले ही दोनों की मंज़िलें अलग अलग हों

©Prashant Shakun "कातिब" और हर दिन दोनों पर बोझ बस बढ़ता ही जाता है
और हम इन सबसे बेखबर, उन पर पड़े गड्ढों को 
नज़रअंदाज़ कर बस बढ़ते ही रहते हैं अपनी
मंज़िलों की तरफ इस अपेक्षा में कि सरकार
मरम्मत कर देगी सड़क की क्यूँकि 
सड़क तो सरकार ने ही बनाई है
लेकिन हम जो सड़क का प्रयोग कर रहे हैं
क्या हमारी उसके प्रति कोई ज़िम्मेदार नहीं…?
सड़क के बीचों बीच 
सड़क को बाँटती वो पीली सफेद पट्टी
संभाले रखती है उस ट्रैफिक को 
जो इस तरफ आ रहा है और 
उस तरफ को जा रहा है 

एक स्त्री भी 
जब मांग भरती है तो 
दो परिवार रूपी ट्रैफिक के 
वाद-विवादों को अलग अलग 
रखती है और 
समानता बनाये रखती है कि 
दोनों तरफ का ट्रैफिक 
एक ही धरातल पर 
बिना टकराये चलता रहे 
भले ही दोनों की मंज़िलें अलग अलग हों

©Prashant Shakun "कातिब" और हर दिन दोनों पर बोझ बस बढ़ता ही जाता है
और हम इन सबसे बेखबर, उन पर पड़े गड्ढों को 
नज़रअंदाज़ कर बस बढ़ते ही रहते हैं अपनी
मंज़िलों की तरफ इस अपेक्षा में कि सरकार
मरम्मत कर देगी सड़क की क्यूँकि 
सड़क तो सरकार ने ही बनाई है
लेकिन हम जो सड़क का प्रयोग कर रहे हैं
क्या हमारी उसके प्रति कोई ज़िम्मेदार नहीं…?