समझ नहीं आता शुरुआत कहां से करू और अन्त कहां पर.. हैवानियत से भारी इस दुनिया में, इंसान कहा और इंसानियत कहां पर.. सभी रावन हैं यहां सीता के पीछे पड़े, राम कहाँ पर और रामायण कहां पर.. होता है चीरहरण द्रौपदी का हररोज यहां पर, श्याम कहां पर और उनका प्रेम कहां पर.. समझ नहीं आता शुरुआत कहां से करू और अन्त कहां पर.. इंसान कहां पर और इंसानियत कहां पर 😢.. - Vishavjeet Singh.. #rape #murder #sexual_harashment_of_Women..