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दिन ढलते जैसे पक्षी लौटते हैं घरौंदे को तुम्हारी

दिन ढलते
जैसे पक्षी लौटते हैं
घरौंदे को

तुम्हारी बाहों से मेरा वही वास्ता है

©ANIL KUMAR
  तुम्हारी बाहें, बस्स्स्स्स
kalpanaillusion3798

ANIL KUMAR

New Creator

तुम्हारी बाहें, बस्स्स्स्स #Shayari

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