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_ किसी के घर जाओ तो अपनी "आंखो" को इतना का़बू में

_ किसी के घर जाओ तो अपनी "आंखो" को इतना का़बू में रखो कि उसकी "कमियाँ" न दिखे, और जब उसके घर से निकलो तो अपनी "जुबान" काबू में रखो ताकि उसके घर की "इज़्ज़त" और "राज़" दोनो सलामत रहे। _*

©DILBAG J KHAN #इज़्ज़त
_ किसी के घर जाओ तो अपनी "आंखो" को इतना का़बू में रखो कि उसकी "कमियाँ" न दिखे, और जब उसके घर से निकलो तो अपनी "जुबान" काबू में रखो ताकि उसके घर की "इज़्ज़त" और "राज़" दोनो सलामत रहे। _*

©DILBAG J KHAN #इज़्ज़त