ऐसी लागि लगन प्रेमधुन में थी वो मगन, लागी ऐसी अगन ,मन में छाई थीं कैसी मिलन की पवन ऐसी लागि लगन, लागी लागी रे लगन सब तो छोड़ चली ,मैं कहा थी पलि सुद बुद खो के रहीं । थी ये कैसी लगन वो तो प्रेम गीत धुन कोई बजाने लगीं ऐसी लागि लगन बावरी मैं मगन लागी लागी रे लगन , लागी लागी रे लगन जग से नाता न कोई, आस तुमसे थी जुड़ी फिर भी जोड़ चली,वो तो प्रेम पाठ सबको पढ़ाए पड़ी ऐसी लागी लगन, लागी लागी रेे लगन लागी लागी र लगन बीते दिन ना कोई, जिनमे तुम न हुए, थी दीवानी भई, ख़ुद को खोती रहीं वो प्रेम धुन मधुर कोई बजाने लगीं ऐसी लागी लगन प्रेम धुन में मगन, वो तो प्रेम धुन म सुदबुद गवाने लगीं ऐसी लागी लगन प्रेम धुन में थी वो मगन वो तो गली गली प्रेम गीत गाने लगी ऐसी लागी रे लगन लागी लागी रे लगन ।।2।। #ऐसी लागि लगन