"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है, हर पल मेरी बाहों में तेरा ही बसेरा है। आँखें मूंदू तो नज़र आता तेरा ही चेहरा है, इस कदर तेरे खयालों ने मेरे दिल को घेरा है। मुझे लगता था तू बस मेरा और सिर्फ मेरा है, आँख खुली तो देखा, तूने तो बाँध रखा किसी और के नाम का सेहरा है। रोज़ाना मेरा दिल तेरे प्यार का लगाता नारा है, जिसपे छाया तेरी यादों का घना पहरा है। पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है, हर रात के बाद होता, नया एक सवेरा है। नहीं तुझसे कब कोई भी सवाल मेरा है, जैसे दिये के नीचे भी होता घना अंधेरा है, वैसे ही मेरी पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है। #nojoto#completethelinetask#khwaab#poetry_voiceofsoul