Nojoto: Largest Storytelling Platform

फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम जब धूप मे

फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम 
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा 
आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना 
ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा
#बशीर_बद्र #alone
फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम 
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा 
आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना 
ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा
#बशीर_बद्र #alone