की उस सूरज कि पहली किरण सा सब कुछ रोशन कर जाने की...
खुद की दुनिया में मस्त मगन होजाने की
बारिश की पहली बूंदों की सी राहत दे जाने की
बगिया में झूमते फूलों सा खिल जाने की
या पंछी बन चहचहाने की...
...... बस इतनी सी ही तो ख्वाहिशें हैं मेरी
की नदिया बन खुद की राहें खुद ही बनाने की
उस ऊंचे पर्वत सा आसमां छू आने की #Hindi#hindiwriters#nojotohindi#khwahieshein