मेरी रूह का साथ छूट सा गया है मुझसे में अब अनजान सा हो गया हूं खुदसे राह में अकेला हु चल दिया अनजाने रास्ते पर जा रहा हु कहा ये भी सवाल नही करता हु खुदसे मंजिल मेरी मुझे खुद से मिलाना है है ये जो कट रही है जिंदगी इसे जीवन की राह में तेज़्ज़ दौड़ाना है मुझे मुझको खुद से मिलाना है ✍️भरत 😑😑😑