चंद दिनों की ये खुबसूरती,बनी जो तेरी साखहै। मत कर गुरुर इतना,होना इक दिन खाक है। भुल जाएंगे तेरे अपने भी तेरे को,जो अभी तेरे आस-पासहै, तस्वीर बनके रह जाएगा सिर्फ,यहि इस जीवन का रिवाज़ है। writer by-swaraj chauhan(monty) ©swaraj chauhan जीवन का रिवाज़। #खुबसूरती#साख#गुरुर#खाक#तस्वीर#जिन्दगी#रिवाज़। #writer#swaraj#chauhan(monty)