देखा जो पहली नजर में उनको, एक रौनक सी खिली थी तन बदन में। इस नजर से देखा मैंने उनको... जैसे कोई नयी कली खिली हो चमन में। छटा कुछ ऐसी थी उनकी, क्या बताऊँ, जैसे फूल कोई मन मोहता है उपवन में। मैं हैरान था कि मन मचल रहा था.... और वो बस गई थी मेरे मन में। मन यूँ हर्षित हो के महका मेरा..... जैसे खुश्बू बिखर गई हो पवन में। वो खुशियों भरा एक झोंका सा, बहार बनके आयी, वो मेरे जीवन में।। मनमीत.... #प्यार #नजर #जिंदगी #जीवन #चमन #उपवन #कविता #मन #बहार #महक