बैठ जाता हूँ जमीन पर अक्सर..., क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है। मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीका..., चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना ॥ #poetry samundar se sikha hain maine jina