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बह रही उल्टी हवाए, बहे कब तक ये बहेंगी, देखता हु

बह रही उल्टी हवाए, 
बहे कब तक ये बहेंगी,
देखता हु मै भी, 
भिड़े कब तक ये भिड़ेंगी! 
जब मुझे चलना ही है, 
लक्ष्य पर बढ़ना ही है!! 
तो मै ऐसी राह पर 
कयु रुकु मै क्यु थमु!! 
#मैंने कुछ ऐसा सोचा है #पंडित
बह रही उल्टी हवाए, 
बहे कब तक ये बहेंगी,
देखता हु मै भी, 
भिड़े कब तक ये भिड़ेंगी! 
जब मुझे चलना ही है, 
लक्ष्य पर बढ़ना ही है!! 
तो मै ऐसी राह पर 
कयु रुकु मै क्यु थमु!! 
#मैंने कुछ ऐसा सोचा है #पंडित