चल लेखनी,आज लिख तूं ऐसी जन्मदिन की दुआ, रूह और तन दोनों ही हो जाएं गुलज़ार। ज़िन्दगी का सफ़र हो उनका सदा सुहाना, हों सदा ही खुशियों के दीदार।। नहीं बजरंगी सा सत और बल है हममें, जो दिखा देते चीर के सीना, है कितना हमें उन अपनों से प्यार।। जन्मदिन मुबारक,जन्मदिन मुबारक, एक नहीं,दो नहीं, कह रहे हम बारम्बार।। ©Sneh Prem Chand मुबारक मुबारक #Book