बचपन और बारिश न जाने वो बारिशें किस ओर मुड़ गई जो बिना डराए भिगो दिया करती थी अब तो भीगने से डर लगता है मन को समझाए बैठे है यूँ भीगना अच्छा नहीं #कविता#बारिश#सावन#स्कूलकेदोस्त