मुस्कराहट है चेहरे पर, और दिल में गमों का सैलाब लिए धूमते हैं होंठों पर हम अपने, हर वक्त इंकलाब लिए धूमते हैं जमाना परेशान है, इन नागवार हरकतों से यूं अपनी यलगार हो, वो जानता है उसकी मौत का सामान लिए धूमते हैं 'मुनीष खुराना' ©munish khurana #Barrier