नहीं किया किसी ने धोखा पर सबको यकीन दिया मैंने मैं लड़का बहुत अच्छा नहीं हूँ सबको दिखा दिया मैंने लगता है लोगों को मैं उदास रहता हूँ हर वक़्त हँसता हुआ चेहरा सबको दिखा दिया मैंने कब तक रोटा एक ही गम को लेकर मैं घाव भरना था , नया ज़ख्म खुद को दिया मैंने वो किसी और की होती है तो होने दो खुशी है मुझे मोहब्बत में धोखा नहीं दिया मैंने रात कितनी भी गहरी हुई या यादों ने गला दबाया मेरा कभी शराब सहारा नहीं लिया मैंने न किसी से मोहब्बत है न नफ़रत , न खोने का डर है न चाहत है , अपने हर झूठ पर सबको यकीन दिला दिया मैंने OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की)