दिल ही तो लेकर आए थे हम तेरे दर पर सनम, कोई चीज़ नहीं, जो ढाया तूने इस क़दर सितम। तेरे दिल के कोने में ही कहीं बैठा रहता चुपचाप, करना था नज़रंदाज़,क्यों पलने दिया फिर भरम। ♥️ Challenge-505 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।