लकीरें खींची हैं ऊपर वाले ने लिखा मेरा भाग्य ऊपर वाले ने भाग्य के भरोसे मैं यूं बैठ गया कर्म है प्रधान, यह मैं भूल गया विरासत में जो मिला वो गवां दिया आलस कर बैठा, उद्यम भूला दिया आज समझ में, कृष्णा को हैं आया लकीरें मेहनत से अब वो बदल आया 🎀 Challenge-278 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी लिखिए।