लो,पेश-ए-ख़िदमत है मेरा दिल चाहे मिटा दो चाहे शोहरत दे दो भुला दूँ सारे ग़म खुल के मुस्कुराऊँ तुम इतनी मुझे ओर मोहलत दे दो फुरकत में बहुत तड़पा है क़ुर्बत को दिल को राहत दे वो शोहबत दे दो डाका न डाले कोई ना कभी लूट हो तुम मुझे वो खज़ाना वो दौलत दे दो मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं चाहिए मुझे! तुम पहली सी मोहब्बत दे दो तू ही दुआ तू ही रब तुझमें मेरा सब मेरे रब मुझे इबादत की इजाज़त दे दो! लो,पेश-ए-ख़िदमत है मेरा दिल चाहे मिटा दो चाहे शोहरत दे दो भुला दूँ सारे ग़म खुल के मुस्कुराऊँ तुम इतनी मुझे ओर मोहलत दे दो फुरकत में बहुत तड़पा है क़ुर्बत को दिल को राहत दे वो शोहबत दे दो