देखा एक ख़्वाब तो, देखा एक ख्वाब तो, हसरते जवां हुई तेरी गलियों मे हमारी हरकते जवां हुई आते जाते लोग भी हमें घूर कर देखने लगे ढलती उम्र में बचपने की शरारतें जवां हुई आमिल #khwaab