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बिसतर से ऊठकर मस्जिद जा ना सके ईकबाल। खवाहिश रखते

बिसतर से ऊठकर मस्जिद जा ना सके ईकबाल।

खवाहिश रखते हैं कबर से उठकर जननत जाने की। इकबाल
बिसतर से ऊठकर मस्जिद जा ना सके ईकबाल।

खवाहिश रखते हैं कबर से उठकर जननत जाने की। इकबाल
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इकबाल