न तुम टोकती हो मुझको न हम शिकायत करते कुछ न तुम हंसती हो अब मुझपे न हम मज़ाक करते तुमसे न तुम देखती प्यार से न हम भरते आह चाह की दिन ब दिन बढ़ता हुआ ये फ़ासला, कौन जाने कैसा है ये सिलसिला... #दिनबदिन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi