चल रहें है कदम , जाने कौन पहर ठहरेंगें? शहर - शहर ही होकर देखो कौन शहर ठहरेंगे? ना जाने कब ये बोलेंगें कि बस यहीं मुझे ठहरना है!! इस शहर में ही मुझे यहीं - कहीं, कहीं मुझे रहना है...। ©preeti shukla चल रहें है कदम , जाने कौन पहर ठहरेंगें? शहर - शहर ही होकर देखो कौन शहर ठहरेंगे? ना जाने कब ये बोलेंगें कि बस यहीं मुझे ठहरना है!! इस शहर में ही मुझे यहीं - कहीं, कहीं मुझे रहना है...। #preetiikipoetry #lovetowrite✍