Unsplash ख्वाहिशें भी मुकम्मल नहीं होती साथ भी छूट जाता है ये दुनिया है जनाब यहां जो भी अपना दिखता है एक दिन वही शख्स न जाने कैसे अनजान बन जाता है और यकीन तो तब नहीं होता कि जब व्यक्ति निस्वार्थ मोह प्रेम त्याग और कीर्तन का एक छलावा जब तोड़ता है तब वह अपना वो सत्य जाहिर करता है जो यक़ीनन एक असहनीय हकीकत से मन छिन्न भिन्न हो उठता है ©Jaydeep Goswami #traveling #JDHEART