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तुम रस्म ए अदावत के तलबगार नहीं हो क्यों लग रहे हो

तुम रस्म ए अदावत के तलबगार नहीं हो
क्यों लग रहे हो बुझे बुझे से अनवार नहीं हो
लोगो की अदावत से तो हारे हो तुम भी 
हैरा ओ परेशा ओ बेजार भी तुम हो #bezar_pareshaa
तुम रस्म ए अदावत के तलबगार नहीं हो
क्यों लग रहे हो बुझे बुझे से अनवार नहीं हो
लोगो की अदावत से तो हारे हो तुम भी 
हैरा ओ परेशा ओ बेजार भी तुम हो #bezar_pareshaa