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कभी-कभी पंछियों की चहचहाहट से ज्यादा मुझे काली रा

कभी-कभी
 पंछियों की चहचहाहट से ज्यादा
मुझे काली रात पसंद है!
कभी कभी बातों से ज्यादा
मुझे खामोशी पसंद है!!
सर्दियों की धूप से ज्यादा
मुझे बरसात पसंद है!
कभी कभी मुस्कुराहट से ज्यादा
मुझे आंसू पसंद है!!
बसंत के फूलों से ज्यादा
मुझे पतझड़ पसंद है!
कभी कभी संभलने से ज्यादा
मुझे गिरना पसंद है!!
दिल के जज़्बातों से ज्यादा
मुझे खालीपन पसंद है!
कभी कभी मिट्टी से ज्यादा
मुझे पत्थर पसंद है!!
_प्रज्ञा चन्द्र

©Pragya Chandra Kabhi Kabhi
#kabhiekabhie
#pragyachandra 

#doubleface
कभी-कभी
 पंछियों की चहचहाहट से ज्यादा
मुझे काली रात पसंद है!
कभी कभी बातों से ज्यादा
मुझे खामोशी पसंद है!!
सर्दियों की धूप से ज्यादा
मुझे बरसात पसंद है!
कभी कभी मुस्कुराहट से ज्यादा
मुझे आंसू पसंद है!!
बसंत के फूलों से ज्यादा
मुझे पतझड़ पसंद है!
कभी कभी संभलने से ज्यादा
मुझे गिरना पसंद है!!
दिल के जज़्बातों से ज्यादा
मुझे खालीपन पसंद है!
कभी कभी मिट्टी से ज्यादा
मुझे पत्थर पसंद है!!
_प्रज्ञा चन्द्र

©Pragya Chandra Kabhi Kabhi
#kabhiekabhie
#pragyachandra 

#doubleface