पकड़ी नब्ज उल्फत की लगा बेहोश हैं अपनी ही बस्ती में हम खानाबदोश हैं अक्सर इसी पते पर आती थी चिट्ठियां घंटियां दरवाज़े की बहुत खामोश हैं #चिट्ठियां #वत्स #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #hindishayari #hindvi #hindavi