वो तलवार नही उठा सकती , ऐसा कोई दस्तूर नही। तुम जो उसका भाव लगा रहे , उसको वो मंजूर नही। वो हिंदुस्तान की मर्यादा , तुम नपुंसको की हो निशानी लूट के अस्मत रोष जता रहे ,अब-मौत तुम्हारी दूर नही। #विचित्र_ख़्याल