कुछ रोशनी हुई अंधेरे में जैसे, जब तुम मेरा हाथ थामने आये, उन चार बातों की परवाह किए बिना, मेरा हाथ थामे मुझे अपने आशियाने में ले आए, एक आवाज़ ना उठने दी मेरी खिलाफत में, मेरी खोयी हुई आबरू वापस ले आए, मेरे अंधेरों में जैसे तुम रोशनी बनकर आए! ❤ मेरे अल्फाज़ (मेधा भारद्वाज) #अंधेरे #Dark #darklights #lightindark