अधूरा सच मेरी सांसे भी जप्ती ह तेरे नाम की माला करलो ना बात क्यों कर रही हो चाला दिन का पता नहीं रातो को नींद नहीं क्यों कर रही हो ये बेगरदी इस मुश्किल का कोई हल नहीं न मिला मुझे कोई फल नहीं बदल रही ह घड़ी की सूई इस जिंदगी को कोई सब्र नहीं फ़िक्र नहीं ह तुजे क्यों मेरे प्यार का तुजपे कोई असर नहीं ह ये तो बोल रही ह मेरी रूह तुजे तो मेरी मोत तक की खबर नहीं smarty..... B@++