अच्छा लगता है साथ तुम्हारा भाती हैं मन को बातें तुम्हारी हँसना चाहती साथ तुम्हारे आँसू भी बहाना चाहती पास तुम्हारे वजह ग़र पूछोगे मुझसे तुम वजह बेवजह-सी है फिर,सुन लो तुम लगते हो अपने जैसे मुझको तुम भूल जाती सारे ग़म जब साथ होते तुम ज़िंदगी हसीन लगती अब बिन परों के उड़ती अब आये जब से जीवन में तुम सोचती कुछ हूँ,सोच में आते हो तुम हर पल पर मेरे अधिकार जमाते जाते तुम दूर जाना चाहूँ तुमसे तो साँसे घुटती हैं मेरी मान लो तुम लगता ज़िंदगी छीन रहे हो मेरी तुम वज़ह जीने की बन चुके हो तुम चाहे वेवजह ही मानो अब इसको तुम...! 🌹 Challenge-126 #collabwithकोराकाग़ज़ 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #वजहबेवजहसी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️