एक सर्द रात में, कुछ पगों के दूराव में, मैं चांदनी को बढा दूंगा. मै मुस्कान से आसमां सजा दूंगा. तुम एक वायदा करना, प्रीत मेरी तुम बनना. अपनी मित्रता की पवित्रता को, प्रेम और विश्वास का चरम देना ©Ankit verma 'utkarsh' ❤❤ chandni ABRAR