में मेरी ख्वाहिशो से परेशां हूँ में मेरे सपनो से परेशां हूँ खवाहिशे जो रुकने नहीं देती सपने जो सोने नहीं देते छोटी सी ज़िन्दगी नन्हा सा दिल और चट्टान सा बोझ में धड़कनो से परेशां हूँ में ख्यालों से परेशां हूँ धड़कने जो झुकने नहीं देते ख्याल जो रुकने नहीं देते में मेरी ख्वाहिशो से परेशां हूँ में मेरे सपनो से परेशां हूँ ©ThankiThoughts Mai Pareshan Hu #poem #Poetry #Hindi #ThankiThoughts