मेरे दिल के शजर में तेरी चाहतों के फूल खिलने लगे हैं, दो दिल तेरे गेसुओं के दरमियाँ मिलने लगे हैं। पल्लवित हो रहे भावनाओं के नवांकुर, तुम्हारे नयन ही मेरा मंकुर। डर रहा है दिल कहीं टूट न जाये डाली, छोड़ न जाए कहीं इस शजर का माली। Challenge-145 #collabwithकोराकाग़ज़ 49 शब्दों में अपनी रचना लिखिए :) (शजर का अर्थ पेड़, वृक्ष, tree) मंकुर - दर्पण #मेरेदिलकाशजर #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️