a-person-standing-on-a-beach-at-sunset ---- मैं वह किनारा था, जिसे नदी की चाह थी, सूखे सपनों पर गरजते बादलों की राह थी। मिलन की आस में तन्हा ही बहता गया, जिसे अपना माना, उसकी यादों में जलता गया ©Dinesh Kumar Pandey poetry in hindi