ये सर्द सुनहरी सुबह है, और मैं अकेले एक गुमनाम आशिक की तरह भटक रहा हूं .अपने ही अंदर तुम्हें ढूंढने की कोशिश कर रहा हूं पर तुम कहां तुम तो और किसी के दिल में बस चुकी हो. कभी हंसता हूं कभी रोता हूं तुम्हारे ख्यालों में डूबा रहता हूं. हम दोनों के बीच बीती घटनाओं को याद करता रहता हूं. अब तो नींद तक उड़ चुकी है हमारी. बस आंखें बंद रहती है. पर सदैव ख्याल तुम्हारी आती रहती है. यह सर्द सुनहरी सुबह है, और मैं हूं और तुम्हारी यादें. #Sunhari_Subh