जब हवा प्रेम की लगती सर पर, तो असर हीना का होता कर पर! जो मेंहदी जितनी रचती, वो मेंहदी हँस हँस कहती है! हे!राधा तु मोहन से, मुहोब्बत उतनी ही करती है!