ये प्यार की छुअन प्रकृति का, ये सिरहन सरसों के फूलों का, देखो सुंदरा प्रकृति से खेल रही, पीली सरसों से....... खेतों भरे, जैसे मौसम को ....चढ़ा खुमार, रुखसार से ......झलक रहा हो, जैसे मोहब्बत का .......निखार, जाने कितने घायल हो चुके हैं , देख तिलस्मी हुस्न .....जमाल। ♥️ Challenge-518 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।