शीर्षक- युवा है देश का।। कविता।। तू ज्योत है घर के दीपक की, तुझे भी सूरज सा जलना होगा।। अंधकार मिटाने घर आंगन का, तुझे भी हवाओं से लड़ना होगा।। लोग सोते रहते हैं दिन दिन भर, तुझे रातो को भी जगना होगा।। प्रिय, समय तो गतिशील है बदलता रहेगा, तुझे अपना समय स्वयं बदलना होगा।। कलयुगी समाज में सही ग़लत तो चलता रहेगा, तुझे हर दम सच्चाई के साथ चलना होगा।। जोश, उमंग भरा तू युवा है देश का, तुझे हर हाल में संघर्षों से लड़ना होगा।। जो मिली है पहचान, तुझे मात पिता से, उनका सम्मान तुझे, हर हाल में करना होगा।। तू बर्बाद न कर युवाकाल, जूठे प्रेम के चक्कर में, तुझे करना है प्रेम अगर, बन जा सैनिक व लिपट जा तिरंगे में।। छल कपट भरे समाज में, चुना,मक्खन लेके चलना होगा, जो जैसा मिले तुझे, वैसे लगाते निकलना होगा।। नाम - नटवर चरपोटा। जिला - बांसवाड़ा। राज़। ©Navin Youth is power. #walkingalone