#कुंडलियां.... हास्य रस पर आधारित राम लाल ने कर लिया,झट मँगनी पट ब्याह। जोरु गई है मायके, रातें काली स्याह।। रातें काली स्याह,कहो वह कैसे माने, रोज नई इक माँग, और फिर ज़िद भी ठाने। करता है वह प्रेम, नहीं यह बात समझती, लेकर उसका नाम,कह रामलाल झगड़ती।। अर्चना झा ✍️ ©Archana Jha #Wall