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सामने मंज़िल थी और, मुश्त ए गुबार था जो हातों से फि

सामने मंज़िल थी और, मुश्त ए गुबार था जो हातों से फिसल गया
सामने मंज़िल थी और,मैं इरादे से मुखर गया
वो वक्त था मेरा मैं अपने वक्त से बिछड़ गया
मगर ये वादा है मेरा
वक्त लेकर मिलना होगा 
एसा भी दौर आएगा सामने #मंज़िल थी और
#वक्त #गुबार #वादा Tarun mahur Ek deewana meet सुरेश राणा दईपुर Sankalp Katiyar Arham Khan
सामने मंज़िल थी और, मुश्त ए गुबार था जो हातों से फिसल गया
सामने मंज़िल थी और,मैं इरादे से मुखर गया
वो वक्त था मेरा मैं अपने वक्त से बिछड़ गया
मगर ये वादा है मेरा
वक्त लेकर मिलना होगा 
एसा भी दौर आएगा सामने #मंज़िल थी और
#वक्त #गुबार #वादा Tarun mahur Ek deewana meet सुरेश राणा दईपुर Sankalp Katiyar Arham Khan