(*नीचे से आगे) कुछ तलक नोक झोंक इस रिश्ते को सजीव करती रहे इस कदर तेरी लड़ाई और तेरी दूरी मुझे नफरत की डोर सी प्रेम के धागों जैसे अब लगती ये हवा जैसी इन मौसमों में ये मेरे मन और तन को छू के याद तेरी दिलाती रहे बस इसी एहसास का ही तो खेल है, वर्ना तो अचेतन मन में कई बार सबकुछ पा जाते हुए भी सब बिखरा सा महसूस होता है, शायद ज़िन्दगी में यूँ ही होना होता है, अब अगर बात साथ बिताने की भी हो तो भी सिर्फ यही एहसास जुड़ाव रहेगा तेरे मेरे बीच अब ये रहे... आंखों का पानी बचा रहे सुप्रभात। आँखों का पानी बचा रहे, ये मौसम धानी बचा रहे... #आँखोंकापानी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi