हूँ मैं पुराने ज़माने का नाज़ुक इश्क़, तुम्हें रास? कतई रास नहीं आऊँगा मैं..!! शेर मेरे पढ़कर मतलब निकालने वाले, नज़्मों में भी मुकम्मल नहीं आऊँगा मैं..!! पहले आँखों में नमी की इक परत चढ़ाओ, फ़िर तेरी आँखों पे कोई गज़ल लिखूँगा मैं..!! मैं चाहता तो नहीं मगर फ़िर भी एक दिन, अचानक ही तेरा हाँथ छोड़ जाऊँगा मैं..!! ख़ुदा के लिए तुम आना ज़रुर मेरी शादी में मेरे, देखना कैसे बीवी से मुलाकात तेरा कराऊँगा मैं..!! ये इक ऐसा वाक़िआ होगा मेरी बेवफ़ाई का, अपने मासूम बच्चों को भी सुनाऊँगा मैं..!! ©ANURAG DUBEY हा हूं मैं #तेरा_मेरा_साथ #तुझेभुलादियाहै