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सहरा जीता है जैसे मौसम के सहारे! वैसे ही हम जी रहे

सहरा जीता है जैसे मौसम के सहारे!
वैसे ही हम जी रहे तेरे ग़म के सहारे!

क़सम गोया खाना सा लगने लगा है! 
मुझे सुधारती है वो क़सम के सहारे! 

बेवफ़ाई का मुझपर इल्ज़ाम जब लगा! 
छोड़ दिया सबकुछ सनम के सहारे! 

न दवा कोई न दुआ काम आई मेरे!
मैंने जख़्म भरे हैं क़लम के सहारे! 

अपाहिज हो गया है इश्क़ आज का! 
चल नहीं पाता अपने कदम के सहारे! 

अभी नहीं पानी की क़ीमत तब जानोगे! 
जब प्यास बुझाना पड़ेगा शबनम के सहारे! #jaajib #gam #nojotohindi #ghazal #poetry #hindipoetry #hindipoets #chandanvibes #writingheart
सहरा जीता है जैसे मौसम के सहारे!
वैसे ही हम जी रहे तेरे ग़म के सहारे!

क़सम गोया खाना सा लगने लगा है! 
मुझे सुधारती है वो क़सम के सहारे! 

बेवफ़ाई का मुझपर इल्ज़ाम जब लगा! 
छोड़ दिया सबकुछ सनम के सहारे! 

न दवा कोई न दुआ काम आई मेरे!
मैंने जख़्म भरे हैं क़लम के सहारे! 

अपाहिज हो गया है इश्क़ आज का! 
चल नहीं पाता अपने कदम के सहारे! 

अभी नहीं पानी की क़ीमत तब जानोगे! 
जब प्यास बुझाना पड़ेगा शबनम के सहारे! #jaajib #gam #nojotohindi #ghazal #poetry #hindipoetry #hindipoets #chandanvibes #writingheart