तपते भू पर, जलते मन पर बरसो बरसो ए घनश्याम रूकते पग पर, झुकते सर पर संभलो संभलो, मानव प्राण लुटते धन पर बढ़ते हट पर रोको रोको हे ईश महान रूखे तन पर भूखे शिशु पर छिड़को छिड़को स्नेह निर्झर