किसी ने पूछा मुझ से मैंने भी जवाब दिया पलट कर ज़ुल्म सहने पड़ेंगे जब तुम खुद ज़ुल्मी हो ना जाने अनजाने में प्रति दिन कितने ज़ुल्म करते हो दुखाते हो कितने ही दिल हर दिन ना किसी पर दया तुम करते हो ना दया का भाव तुम रखते हो.... ओर बात करते हो ज़ुल्म की जबकि तुम खुद ज़ुल्मी हो ज़ुल्म सहते हो क्यों? क्या तुम्हें बोलने की इजाज़त नहीं? ये अँधेरा घना है मगर देर तक इसकी रहती हुकूमत नहीं। #ज़ुल्म #collab #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi #terasukhi #terasukhiqyotes #1_tera_sukhi #sukhi56walaquotes