ये जो बेपरवाह हैं उनके रोने से हैवान हैं इंसान थोड़े ही हैं उर्दू अदब से अगर आप लगाव रखते हैं, तो सबसे पहला नाम जो ज़हन में आता है, वो है डाॅ राहत इंदौरी का। आज Poetocracy के तहत हम उन्हीं के कलम से कुछ पंक्तियाँ लेकर आए हैं। वे कलम के ऐसे जादूगर हैं जो अपने अंदाज़ और अल्फाज़ो से लोगों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं। उन्हें दुनिया के तमाम देशों में उर्दू में उनके बेहतरीन काम के लिए सम्मानित किया गया है। आज की पंक्तियाँ उनके इस मशहूर शायरी से ली गई है - अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो, जान थोड़ी है ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में